] sociology: उघमशीलता पर मैक्स वेबर के विचारों का वर्णन कीजिए।

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sociology: उघमशीलता पर मैक्स वेबर के विचारों का वर्णन कीजिए।

 

  

    उघमशीलता की अभी कोई परिभाषा नहीं दी जा सकी है। उद्यमशीलता के अर्थ को लेकर अधिकतर विद्वानों में कुछ मतभेद हैं । 



कुछ विद्वानों का मत एक जैसा है जिसमे कुछ विशेष किस्म के संगठनों के विनियमन प्रक्रिया बनाने में प्रशासन का एक  अंग और इसको शामिल है। 



कुछविद्वान सामरिक या नवीन निर्णयों से इस शब्द का अर्थ जोड़ते है जबकि अन्य व्यावसायिक संगठनों के लिए इस शब्द का प्रयोग करते है।   इस शब्द को ऐतिहासिक संदर्भ में स्पष्ट किया जा सकता है।

 इस शब्द की उत्पति  फ्रांसीसी शब्द से हुई है जिसका अर्थ बहुत पहले  कुछ काम करने के अर्थ में लिया जाता था। परंभिक 16वीं के दौरान जो सैन्य अभियानों में जुटे हाते थे, उन्हें उद्यमी कहा  जाता था ।  



1700 के बाद,  इस शब्द का    प्रयोग बारम्बार सरकारी सड़क पुल बदरगाह और मोरचेबन्धी  संबंधी सविदा कारों और बाद में वास्तुकारों के लिए फ्रांसीसियों द्वारा किया गया। 




1800  में यह शब्द शैक्षिक  विषय में नजर आने लगा क्योंकि इसका प्रयोग बहुत से फ्रांसीसी अर्थशास्त्रियों  द्वारा किया जाने लगा था



 जिन्होंने इस शब्द का प्रयोग विशिष्ट रूप से अर्थशास्त्र के क्षेत्र  में किया जिसने उद्यमी और उद्यमशीलता को विशिष्ट अर्थ दिया था जहाँ भेद अधिकतर अर्थवयस्था के खंडों  की विशेषताओं में उभरा और जो अर्थशास्त्री सरकार में रुचि रखते थे ,  उन्होंने उधमी  को सवीदा कार, कृषक और उद्योगपति के रूप में लिया जो जोखिम उठाने पूँजीपति के रूप में देखे जाते थे। 



हालांकि उद्यमी और उद्यमशीलता शब्दों का प्रयोग विभिन्न समय में विद्वानों द्वारा विविध संदर्भों में किया गया है।

 

उद्यमशीलता पर मैक्स वेबर: उद्यमशीलता और पूँजीवाद के विकास पर वेबर के विचार

 

मार्क्स से मेल नहीं खाते। वेबर का मार्क्स के दृष्टिकोण पर प्रहार था कि पूँजीपति, नई  तकनीकों से लैस और तर्कसंगत उपलब्धि द्वारा प्रेरित होकर सदैव पुरानी परंपरागत विधि  और मनोवृत्ति को अनदेखा करते थे और इन्होंने समाज पर अपनी निजी प्रकृति और उत्पादन के विशिष्ट तरीके को थोपा।



 वेबर ने कभी भी इस बात को नहीं स्वीकारा और कहा कि पूँजीवाद  विकास की प्रक्रिया के लिए यह कभी भी यथार्थवादी स्थिति नहीं थी। यहाँ तक कि वेबर  के जीवन काल में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी जब नया व्यक्त्ति पूर्णतया अंगीकृत पारंपरिक पर्यावरण और उत्पादन के विशेष रूप से पूँजीवादी-तरीकों में बँट गया। 




स्पष्ट रूप से यहाँ नया  आदमी न तो नए आविष्कार से लैस था और न ही वह उद्योग में क्रांति लाने के योग्य था । हालाँकि उसमें नई उमंग थी। वेबर इसके बाद पूँजी वाले संगठन की पूँजीवादी किस्म  उद्यमशीलता आधारित व्यावसायिक गतिविधि और बुद्धिसंगत लेखाकरण पर जोर देते हुए    एक नया रुख लेता है। फिर भी वह हर तरीके से परंपरावादी था।

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