] कुत्तियाना माइनर पर हो रही थी पानी चोरी , जमाल व कुत्तियाना के किसानों ने मौके पर जाकर किया पर्दाफाश। Chopta News

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कुत्तियाना माइनर पर हो रही थी पानी चोरी , जमाल व कुत्तियाना के किसानों ने मौके पर जाकर किया पर्दाफाश। Chopta News

फोटो। कुत्तियाना माइनर में मोगे के पास बगली पर लगाया पट्टा दिखाते किसान

सिंचाई विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप



चोपटा। कुत्तियाना माइनर पर  नाथूसरी कलां व हंजीरा के बीच नहर में बने मोगा नं. 42000 लेफ्ट के पास एक बगली बनाकर  नहरी पानी चोरी का पर्दाफाश किया। बुधवार को जमाल व कुत्तियाना गांवों के किसानों ने मौके पर जाकर पानी चोरी पकड़ी। व पर रोष प्रदर्शन करते हुए सिंचाई विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में पानी चोरी रोकने के लिए दोनों गांवों के किसान सिंचाई विभाग के एसई  से भी मिलकर पानी चोरी रोकने की मांग की है। किसानों ने  रोष प्रदर्शन किया सिंचाई विभाग की लापरवाही को उजागर कर सिंचाई विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों का आरोप है कि जिन कर्मचारियों को नहरी पानी चोरी को रोकना होता है  उन्हीं कर्मचारियों की लापरवाही से नारी पानी चोरी होता है। किसान जगतपाल बैनीवाल, करण सिंह, जगदीश बांदर, अजय बैनीवाल, राममूर्ति, जनक राज, सुभाष चंद्र, जगदीश चंद्र, कृष्ण कुमार सहारण, सहित कई किसानों ने बताया कि उनके गांव कुतियाना माइनर के अंतिम छोर पर पड़ते हैं जहां पर नहरी पानी बहुत ही कम मात्रा में पहुंच पाता है। इस बार नहर में  अंतिम छोर पर पानी काफी कम मात्रा में पहुंचा तो किसानों ने पीछे हो रही पानी चोरी को रोकने के लिए एकत्रित होकर नहर पर देखभाल शुरू की। तभी नाथूसरी कलां व हंजीरा गांव के बीच 42000 लेफ्ट के मौगे के पास एक बड़ा सुराग बनाकर पानी चोरी चल रही थी। उन्होंने बताया कि जिसे दिन में एक लकड़ी का पट्टा लगाकर रोक दिया जाता है और रात को और वह हटा दिया जाता है जिससे पानी आगे अंतिम छोर पर न जाकर वही निकलने लग जाता है। किसानों ने मौके पर जाकर देखा तो पानी चोरी चल रही थी इस पर किसान क्रोधित  हो गए और उन्होंने रोष प्रदर्शन किया।

उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग के कर्मचारी चोरी की तरफ कोई ध्यान नहीं देते। इनका कहना है कि यहां पानी चोरी नहीं रुकने के कारण सिंचाई विभाग सिरसा  कार्यालय में जाकर एस ई से मुलाकात कर पानी  चोरी रोकने की मांग की है। किसानों का कहना है कि अगर पानी चोरी नहीं रोकी गई तो उन्हें मजबूरन बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा ‌ इस बारे में सिंचाई विभाग के जेई अंकुर कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 12 अगस्त को नहर में पानी छोड़ा गया था जब उन्होंने पानी चेक किया तो इस मौगे के पास एक बगली बनी हुई थी। जिसमें पानी चल रहा था इसकी रिपोर्ट उन्होंने उच्च अधिकारियों को दी है इसके बाद 16 अगस्त को फिर चेक किया तो  पानी चोरी का अंदेशा लगा यह रिपोर्ट भी उच्च अधिकारियों को भेजी हुई है । उच्च अधिकारियों के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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