हरियाणा की पहली महिला बस ड्राइवर राजबाला: संघर्ष की कहानी

Advertisement

6/recent/ticker-posts

हरियाणा की पहली महिला बस ड्राइवर राजबाला: संघर्ष की कहानी


हरियाणा की पहली महिला बस ड्राइवर राजबाला सिंह ने 
समाज की रूढ़ियों और बाधाओं को पार कर हरियाणा की पहली महिला बस चालक बनने का गौरव हासिल किया


चौपटा (हरियाणा)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गांव बकरियांवाली स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शिव शक्ति भवन में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हरियाणा की पहली महिला बस ड्राइवर राजबाला सिंह थीं। उनके साथ स्पर्श थेरेपी विशेषज्ञ डॉ. वीना और समाजसेवी सुनीता सहारण भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी वर्षा ने सभी का स्वागत किया और महिला दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "नारी शक्ति का अवतार है, घर-आंगन की मुस्कान है और ईश्वर के समान है।"

 

हौसले की उड़ान: राजबाला सिंह की प्रेरक यात्रा

राजबाला सिंह का सफर आसान नहीं था। उन्होंने समाज की रूढ़ियों और बाधाओं को पार कर हरियाणा की पहली महिला बस चालक बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा,

 

"जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, तो फिर क्या देखना आसमान का!"

 

राजबाला सिंह ने अपने सपने को सच करने की ठानी और एक उड़ान भरने के लिए कदम बढ़ा दिए। हालांकि, यह सफर सीधा-सपाट नहीं था। उनके रास्ते में कई ब्रेकर (Challenges) आए, लेकिन उन्होंने हर चुनौती का सामना किया।

 

रूढ़ियों को तोड़ने की जिद

पहले लर्निंग लाइसेंस बनवाने से लेकर, उसे परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस में बदलवाने तक एक लंबी लड़ाई थी। इसके बाद हरियाणा रोडवेज की ट्रेनिंग हासिल करने के लिए भी उन्हें संघर्ष करना पड़ा।

 

उन्होंने बताया कि "इस पुरुष प्रधान समाज में एक महिला के लिए बस ड्राइवर बनना आसान नहीं था। समाज के लोगों ने हरसंभव तरीके से मुझे रोकने की कोशिश की। लेकिन मैंने हार नहीं मानी।"

 

राजबाला ने अपनी मेहनत और जिद के दम पर बस ड्राइवर बनने का सपना पूरा किया और यह साबित कर दिया कि अगर ठान लिया जाए, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

 

महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं राजबाला

आज राजबाला सिंह को देखकर कई महिलाएं ड्राइविंग के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, "अब मैं देखती हूं कि बहुत सारी महिलाएं गाड़ियां और मोटरसाइकिल चला रही हैं, तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। अब यह क्षेत्र भी महिलाओं के लिए खुल चुका है।"

 

नारी शक्ति का सम्मान

कार्यक्रम में महिलाओं के योगदान को सराहते हुए, उन्हें प्रेरित करने के लिए राजबाला सिंह को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बना और समाज को यह संदेश दिया कि महिलाएं हर चुनौती को पार कर नए मुकाम हासिल कर सकती हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ