] तीन कृषि कानूनों के विरोध में चौपटा क्षेत्र में 3 घंटे तक रहा चक्का जाम, किसान मजदूर एकता के नारों से गूंजा वातावरण

Advertisement

6/recent/ticker-posts

तीन कृषि कानूनों के विरोध में चौपटा क्षेत्र में 3 घंटे तक रहा चक्का जाम, किसान मजदूर एकता के नारों से गूंजा वातावरण



केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 कृषि कानूनों के खिलाफ राजस्थान की सीमा से सटे चौपटा क्षेत्र में किसानों ने 3 घंटे तक चक्का जाम रखा। नाथूसरी चौपटा, बरासरी, जमाल, गुडिया खेड़ा, गिगोरानी, कागदाना, नह राणा सहित कई गांवों के पास लगते हरियाणा-राजस्थान स्टेट हाईवे पर किसानों ने जाम लगाया। इस दौरान किसानों ने तीनों कृषि काले कानून वापस लेने की मांग की और सरकार विरोधी नारे लगाए। किसानों ने किसान मजदूर एकता के नारों से वातावरण को गुंजायमान रखा। 3:00 बजे 2 मिनट तक ट्रैक्टर व विभिन्न वाहनों के हॉर्न बजाकर जाम खोला गया। इस दौरान चौपटा के चौधरी देवी लाल चौक पर नोहर रोड, भादरा रोड, सिरसा रोड, भट्टू रोड पर जाम लगाकर किसानों ने सरकार की किसान विरोधी नीतियों का विरोध जताया। किसान जगदीश रुपावास, रणधीर जोधकां, संत पूर्ण दास महाराज, दीवान सहारण शक्कर मंदोरी, लादूराम पुनियां, भजनलाल, देवीलाल शाहपुरिया, जगतपाल चाहरवाल़ा, लीलू राम कस्वां दड़बा कलां, छोटूराम हुड्डा नहराणा, बंसी लाल, बनवारी कासनियां मखोसरानी, राममूर्ति ढिल्लों रामपुरा ढिल्लों, सुरेश ढूकड़ा, संजय सहारण शक्कर मंदोरी, नरेंद्र कुमार, संदीप सिंवर सहित सैकड़ों किसानों ने कहा कि मोदी सरकार जबरन कृषि कानूनों को किसानों पर थोप रही है लेकिन किसान किसी भी सूरत में ऐसा नहीं होने देंगे हर गांव का किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों के साथ खड़ा है । आंदोलन चाहे कितना ही लंबा चले लेकिन तीनों कृषि काले कानून वापस करवा कर ही दम लेंगे ।  किसानों ने कहा कि  बीजेपी सरकार द्वारा किसान आंदोलन को बदनाम करने व कुचलने की काफी साजिश रची जा रही है लेकिन किसानों की एकता सारी  साजिशों को नाकाम कर रही हैं । अब यह आंदोलन पहले से ज्यादा मजबूत और विशाल हो गया है । क्षेत्र के हर गांव से किसान दिल्ली बॉर्डर पर जा रहे हैं और संयुक्त किसान मोर्चा के जो भी आदेश व निर्देश होंगे उनका पालन किया जाएगा। 



गांव गिगोरानी में किसान रोहताश कुमार बांदर, बजरंग, दलवीर, लीलू राम, रणधीर सिंह, मुकेश कुमार, पवन, लेख राम, केहर सिंह, जितेंद्र, रणजीत, महावीर, सुबे सिंह, प्रताप, विजय सिंह, बनवारी सहित गांव के कई किसानों ने गिगोरानी बस स्टैंड पर जाम लगाया और सरकार की किसान विरोधी नीतियों  पर विरोध जताया। इस दौरान किसानों ने कहा कि सरकार एक तरफ बातचीत का ढोंग करती है और दूसरी तरफ किसानों व पत्रकारों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर तानाशाही का सबूत दे रही है । किसानों ने कहा कि मोदी सरकार कुछ पूंजी पतियों की तिजोरियां भरने के लिए देश में बेरोजगारी और भुखमरी को बढ़ावा दे रही है। जब तक सरकार तीनों कृषि काले कानून वापस नहीं लेती किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। गांव बरासरी के बस स्टैंड पर किसान सुरेश गरुवा, अमर सिंह नंबरदार, कृपा राम, कृष्ण लाठर, बलवीर लाठर, धर्मवीर रोज, रमेश सहारण, रतनलाल, अनमोल, राजेश कुमार    सहित सैकड़ों किसानों ने 3 घंटे तक जाम लगाए रखा और सरकार की किसान विरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की। इस दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद, कृषि मंत्री मुर्दाबाद, मोदी सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान किसानों ने किसान मजदूर एकता के नारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। नाथूसरी चौपटा पुलिस और प्रशासन द्वारा चप्पे-चप्पे पर नजर रखी गई। गांव जमाल के मुख्य चौक पर किसानों ने रोड जाम कर सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर विरोध जताया गांव नहराणा में चोपटा भट्टू रोड पर जाम लगाया।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ