Chopta Plus News ( Naresh Beniwal ) रूपावास गांव के एक समाजसेवी व्यक्ति ने 40 लाख रूपये की कीमत का मुर्रा नस्ल का झोटा गौशाला में दान देकर चित्र सहित प्रदेश में में एक बड़ी मिशाल कायम की है। इस मिशाल के लिए पूरे चोपटा क्षेत्र में समाजसेवी सुरेंद्र कुमार ढिल्लों की खूब प्रशंसा की जा रही है। उन्होंने यह झोटा ढूकड़ा गांव की गौशाला में दानस्वरूप दिया है। इसके साथ ही उन्होंने 2100 रूपये भी झोटे को देते समय गौशाला कमेटी के पदाधिकारियों को दिए हैं।
समाजसेवी सुरेंद्र कुमार ढिल्लों ने बताया कि वह पिछले सात साल से डेयरी फार्म चला रहे हैं। उन्होंने इस झोटे को अपनी डेयरी फार्म में पालन-पोषण करके इतना बड़ा किया है। उसके बाद इसको हरियाणा सरकार की तरफ से आयोजित करवाए गए एक मेले में लेकर गया था जहां पर इसको टाॅप-10 झोटों में शामिल किया गया था। वहीं उसके बाद प्राइवेट कंपनी के लोग यहां आकर इसकी कीमतमत लगाकर गए थे जिसमें उन्होंने 40 लाख रूपये इसकी कीमत लगाई थी लेकिन उन्होंने झोटे को बेचा नहीं। समाजसेवी सुरेंद्र कुमार ढिल्लों ने बताया कि उसका एक बेटा है जो कि अमेरिका में पीएचडी कर रहा है। भगवान ने उसको जितनी धन-दौलत दे रखी है उससे वो खुश हैं ऐसे में समाजसेवा करना उन्होंने उचित समझते हुए अपना 40 लाख रूपये की कीमत का झोटा ढूकड़ा गौशाला में दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि ढूकड़ा गांव की गौशाला में जहां गायों की सेवा होती है वहीं नस्ल सुधार में भी बेहतरीन प्रयास किये जा रहे हैं जिसके चलते उन्हें लगा कि उनके झोटे का बेहतरीन फायदा गौशाला में उठाया जा सकता है।
वहीं ढूकड़ा गांव की गौशाला के प्रधान जगदीश मंडा ने बताया कि उनके गांव की गौशाला में समाजसेवी सुरंेद्र कुमार ढिल्लों ने 40 लाख रूपये की कीमत का झोटा दान स्वरूप दिया है जिसके लिए वो पूरे गांव व गौशाला कमेटी की तरफ से धन्यवाद करते हैं और उन्होंने कहा कि नस्ल सुधार के मामले में अब उनकी गौशाला कमेटी और ज्यादा बेहतर तरीके से काम करेगी और इसका फायदा पूरे क्षेत्र में होगा। इस मौके पर समाजसेवी सुरेंद्र कुमार ढिल्लों, जयपाल ढिल्लों रूपावास के अलाव गौशाला कमेटी प्रधान जगदीश मंडा, सचिव संतलाल कुलरिया, सीताराम सरपंच ढुकड़ा, लाधुराम, गोपीराम एएसआई, गोपी मास्टर, सुरेश ढाका, सुरजा राम खीचड़, जगदीश ढाका, मनीराम भीढासरा, हरपत बामनिया, आशाराम कुलरिया, जयवीर शर्मा, रामेश्वर सिहाग, पूर्णाराम सिहाग, ओमदत्त सेवदा, रामस्वरूप मोयल, राधाकृष्ण ढढेला, सुभाष ढाका, विनोद ढुकिया, संतलाल कुलरिया, महेंद्र सिंह, जसवंत कुलरिया, भगवाना राम मास्टर, राजू शर्मा, भूरा राम कुलरिया, रविन्द्र मास्टर, रायसाहब, राजू सेवदा, परमानंद मेंबर, महावीर भादू, वेदपाल, विकाश, दिनेश, अरविंद लाला, हेमंत, बनवारी, राजेन्द्र सहित ढूकड़ा के सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।
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