] पानी आते ही फिर टूटी गिगोरानी माइनर। 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसानों ने नहर को बांधा ।।।। 19 जुलाई को भी टूटी थी नहर . Chopta Plus News

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पानी आते ही फिर टूटी गिगोरानी माइनर। 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसानों ने नहर को बांधा ।।।। 19 जुलाई को भी टूटी थी नहर . Chopta Plus News

 


चोपटा।  खंड के गांव शक्कर मंदोरी व शाहपूरिया के बीच  में गिगोरानी माइनर नहर टूटने से करीब 10 एकड़ जमीन में  पानी भर गया। जिसमें नरमा व कपास की खड़ी फसल खराब हो गई। नहर में आज ही पानी छोड़ा गया था पानी आते ही नए टूट गई। इससे पहले 19 जुलाई को जब नहर में पानी आया था तब पानी आते ही नहर टूट गई । बार-बार  रीमॉडलिंग की गई नहर टूटने से अंदेशा जताया जाता है कि रीमॉडलिंग के समय सही मटेरियल का प्रयोग नहीं किया गया। खास बात यह कि नहर के रीमॉडलिंग करीब 12 महीने पहले ही हुई थी। 



मात्र एक साल में नहर टूटने से जहां किसानों की फसल बर्बाद हुई है वही गिगोरानी जसानियां आदि गांव में फसल सिंचाई के अभाव में सूखी रह गई है। ग्रामीणों द्वारा नहरी विभाग को सूचना दी गई। इसी दौरान किसानों ने नहर की दरार पाटने का काम शुरू कर दिया और 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नहर को बांधा गया। शनिवार  को गिगोरानी माइनर छोड़ा गया तो अचानक शाहपुरिया व शक्कर मंदोरी गांव के खेतों के बीच में  टूट गई ।  जिससे दोनों गांवो के आसपास के किसानों की जमीन में पानी भर गया।  किसान रोहताश , राजपाल, सुरेंद्र सिंह, ओमप्रकाश, बुधराम, सुखराम, कुंवर पाल, लीलू राम, नौरंग शर्मा ने बताया कि नहर को करीब 12 महीने पहले ही रीमॉडलिंग करके नया बनाया गया था‌ और मात्र  एक साल में ही नहर टूट गई। किसानों ने बताया कि पिछले महीने इसी तरह नहर में पानी 19 जुलाई को आया था और उसी दिन नहर टूट गई थी जब भी नहर में पानी आता है। तो नहर टूट जाती है। इनका कहना है कि नहर को नया बनाया बनाया गया है जिसमें लगता है कि सही मटेरियल नहीं लगाया गया। उन्होंने बताया कि नहर टूटने से  उनकी फसल तो बर्बाद हो ही गई आगे गांवों में पानी नहीं गया, जिससे अगले गांवों में जिन किसानों की पानी की बारी थी उनकी फसल सूखी रह गई। किसानों ने नए टूटने की सूचना सिंचाई विभाग के बेलदार को दी। 

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